विकास भवन के बाहर पिछले कई दिनों से बीमार एक विकलांग की दयनीय दशा देखकर लोगों ने सीनियर अफसरों को फोन मिलाया, लेकिन कोई रिस्पांस न देखकर सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय का नम्बर डायल कर दिया। फिर क्या था, वहां से यहां की घंटी बजते ही प्रशासन हरकत में आ गया और विकलांग को नाजुक हालत में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
दरअसल शहर के स्पोट्र्स स्टेडियम में 17 दिसम्बर को विकलांग जनों के लिए कैम्प लगा था, जिसमें बड़ी संख्या में ट्राईसाइकिल, बैसाखी सहित कई दूसरी चीजें बांटी गई थीं। उस कैम्प की खबर पाकर जिले के बेंहदर ब्लॉक के महमूदपुर-लालता निवासी विकलांग अधेड़ प्रेमचंद पुत्र सुक्खा नई ट्राई साइकिल की चाहत में अपनी पुरानी ट्राईसाइकिल से यहां आ गया।
नई ट्राई साइकिल के लिए उसने विकास भवन में सम्बंधित महकमे में गुहार लगाई, लेकिन उसके पास पहले से ट्राई साइकिल होने की बात कह कर उसे टरका दिया गया। उदास मन से वहां से निकल कर प्रेमचंद्र वापस घर न जाकर कलेक्ट्रेट कैम्पस में विकास भवन के ही बाहर मैदान में रहने लगा। अपनी पुरानी ट्राई साइकिल को ही किसी तरह ढंककर वह सर्दी से बचने की जुगत करता रहा।
इसी बीच रविवार को किसी की उस पर निगाह पड़ गई। उसकी दयनीय दशा को देखकर पहले तो डीएम के सीयूजी नम्बर पर डायल किया गया, लेकिन वह बंद मिला। फिर सीडीओ को फोन कर पूरी बात बताई गई। बताया जा रहा है कि तब भी कोई बात नहीं बनी तो सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय का नम्बर डायल कर पूरी स्थिति बताई गई।
बताया जा रहा है कि वहां से फौरन इस प्रकरण को देखने के लिए फोन आया तो प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ। डीएम की गैर मौजूदगी में जिले का प्रभार देख रहे सीडीओ ने सिटी मजिस्ट्रेट को फोन कर मामले को देखने को कहा। उसके बाद शहर कोतवाली पुलिस की मदद से विकलांग को देर शाम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके लिए ट्राईसाइकिल की भी व्यवस्था की जा रही है।