अब स्वच्छ भारत मिशन भी हुआ घोटाला ?
(भोपाल)। लगता है कि मध्यप्रदेश की सरकार
घोटाले दर घोटाले करने में अपना इतिहास रच रही है शायद यही वजह है कि
प्रदेश में मुख्यमंत्री के यह कहने के बावजूद भी भ्रष्टाचारियों को बख्शा
नहीं जाएगा लेकिन स्थिति यह है कि यहां तो रोज कोई न कोई भ्रष्टाचार की
गिरफ्त में नजर आता है और कभी पटवारी तो कभी गिरदावर तक रिश्वत लेते
लोकायुक्त की गिरफ्त में आ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी भ्रष्टाचार कम
होने का नाम नहीं ले रहा हर सरकारी योजनाओं में घोटाला करना प्रदेश के
कर्मचारियों की लगता है अब नियति सी बन गई है तभी तो स्वच्छ भारत मिशन
में बड़ा घोटाला सामने आया है, भ्रष्ट अधिकारियों पर शीघ्र कार्यवाही
करने की मांग को लेकर किसी विपक्षी दल के नेता या विधायक के द्वारा बल्कि
सत्तारूढ़ पार्टी के भाजपा विधायक शंकरलाल तिवारी ने विधानसभा में यह
मामला उठाया पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने तिवारी के
लिखित जवाब में सदन को बताया कि स्वच्छ भारत मिशन में घोटाला हुआ है और
दोषयों पर कार्यवाही सरकार कर रही है उन्होंने कहा कि सतना में स्वच्छ
भारत मिशन की प्रचार-प्रसार सामग्री में जिन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार
किया था उन्हें वहां से हटाकर विभागीय जांच कराई गई है इसके बाद स्वच्छ
भारत मिशन के समन्वयक ओमेश्वर सूर्यवंशी को नौकरी से बर्खास्त करते हुए
तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये
प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग के पास भेज दिया गया है। मंत्री भार्गव ने
बताया कि इस गड़बड़ी में शामिल वहां के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी
को भी निलंबित कर दिया गया है उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषी अधिकारियों
के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है, कुल मिलाकर इस मामले से यह साफ हो जाता
है कि प्रदेश में जहां भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के
वायदे से भाजपा की सरकार सत्ता में आई थी वह अपने वादों पर खरी तो उतरती
नजर नहीं आई, लेकिन हां यह जरूर है कि प्रदेश में चहुंओर भ्रष्टाचार की
गंगोत्री बह रही है और इसमें हर कोई डुबकी लगाने को आतुर है तो वहीं
प्रदेश में मंत्रियों अधिकारियों, सत्ता के दलालों के साथ-साथ ठेकेदारों
का एक रैकेट भी सक्रिय है, जो सरकारी योजनाओं में चूना लगाकर अपनी
तिजोरियां भरने में लगा हुआ है